म्यूचुअल फंड में करते हैं एसआईपी? अब उस पर लगने वाले टैक्स के बारे में भी जान लीजिए

Tax on Mutual fund : म्यूचुअल फंड से होने वाली कमाई पर दो तरह से टैक्स लगता है। इस पर लगने वाला टैक्स दो बातों पर निर्भर करता है। पहला वह म्यूचुअल फंड किस तरह का है तथा दूसरा आपने उसे कितने समय तक होल्ड करके रखा है।

Tax on Mutual fund

Tax on Mutual fund : कम जोखिम लेकर लॉन्ग टर्म में बड़ा फंड तैयार करने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश को एक बढ़िया विकल्प के तौर पर देखा जाता है।

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ऐसा इसलिए कि जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तब आप किसी एक असेट क्लास में निवेश नहीं करते बल्कि आपके द्वारा जमा किए गए पैसे को किसी पेशेवर फंड मैनेजर के द्वारा अच्छी तरह से अलग–अलग असेट क्लास में निवेश किया जाता है तथा जब आप लंबी अवधि के लिए उसे होल्ड करते हैं तब उस पर बाजार के उतार–चढ़ाव का भी असर नहीं होता है।

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यही कारण है कि इसे लंबी अवधि के लिए निवेश के नज़रिए से बढ़िया माना जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आप म्यूचुअल फंड से पैसे कमाते हैं तो आपको उस पर कितना टैक्स देना होगा। आइए जानते हैं–

इतना देना होगा टैक्स

म्यूचुअल फंड में होने वाली कमाई पर टैक्स इस बात पर निर्भर करता है कि वह म्यूचुअल फंड किस तरह का है तथा उसका होल्डिंग पीरियड कितना है।

अगर आपके द्वारा लिया गया म्यूचुअल फंड इक्विटी म्यूचुअल फंड है तो उसमें होने वाली कमाई पर कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। कैपिटल गेन टैक्स दो तरह के होते हैं।

पहला शॉट टर्म कैपिटल गेन टैक्स तथा दूसरा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स। अगर आपने अपने म्यूचुअल फंड को 1 साल से कम की अवधि तक होल्ड करके बेच देते हैं तो उस पर 15% की दर से शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। लेकिन वहीं आप उसे 1 साल या उससे अधिक समय तक होल्ड करके बेचते हैं तो उस पर 10% की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा।

वहीं, अगर आपके द्वारा लिया गया म्यूचुअल फंड एक डेट म्यूचुअल फंड है तो उसकी होल्डिंग पीरियड इक्विटी म्यूचुअल फंड से अलग होती है। अगर आप डेट म्यूचुअल फंड को 3 साल से पहले बेच देते हैं तो उससे होने वाली कमाई पर इनकम टैक्स के सामान्य टैक्स स्लैब के आधार पर टैक्स देना होगा। वहीं, अगर आप किसी डेट म्यूचुअल फंड को 3 साल के बाद बेचते हैं तो उससे होने वाली कमाई पर 20% की दर से टैक्स देना होगा।

यानी इक्विटी म्यूचुअल फंड को अगर 1 साल से कम समय में बेच देते हैं तो उसे शॉर्ट टर्म में बेचना कहा जायेगा तथा डेट म्यूचुअल फंड के लिए यह समय सीमा 3 साल की है।

उम्मीद है म्यूचुअल फंड से जुड़ी यह महत्वपूर्ण जानकारी आपको पसंद आएगी तथा भविष्य में इससे आपको बहुत फायदा भी होगा।

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Disclaimer : यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है। यह निवेश की सलाह नहीं है। यह आर्टिकल ऊपर बताए गए शेयर में निवेश करने की सलाह नहीं देता। इस आर्टिकल से होने वाले नुकसान के लिए हम तथा एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज फर्म/ हाउस जिम्मेदार नहीं होंगे। शेयर मार्केट में निवेश बाज़ार के जोखिमों के अधीन होता है तथा किसी भी तरह का निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें।

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