Mutual Fund : म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करके आप अपने द्वारा म्यूचुअल फंड में किए गए निवेश को कम जोखिम भरा बना सकते हैं तथा लंबी अवधि में आप अपने निवेश पर बढ़िया रिटर्न भी कमा सकते हैं।
Mutual Fund : जब भी बात निवेश की आती है तब सबसे जरूरी यह हो जाता है कि आप अपने लिए एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो कैसे बनाएँ फिर चाहे वह निवेश सीधा शेयर मार्केट में हो या फिर म्यूचुअल फंड में।
ऐसा इसलिए क्योंकि आप अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करके ना सिर्फ उसमें रिस्क को कम कर सकते हैं बल्कि उसे स्टेबल भी कर सकते हैं जिस वजह से लंबी अवधि में आपको होने वाले नुकसान का खतरा भी कम हो जाता है तथा आप अपनी पोर्टफोलियों में बेहतर रिटर्न भी देख पाते हैं।
आज हम आपको आपके म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने के लिए तथा अपने लिए एक डाइवर्सिफाइड म्यूचुअल पोर्टफोलियो को बनाने के लिए कुछ आसान तरीकों को बताने वाले हैं जिनका इस्तेमाल करके आप भी अपने म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई कर सकते हैं तथा अपने निवेश को आसान और कम जोख़िम भरा बना सकते हैं। आइए जानते हैं उन तरीकों के बारे में–
क्या मतलब होता है पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने का?
पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने से सीधा मतलब यह है कि अपने पैसे को किसी एक जगह निवेश ना करके अलग–अलग जगह या अलग–अलग असेट क्लास में निवेश करना।
चलिए मान लेते हैं कि आप म्यूचुअल फंड में ₹1,00,000 का निवेश करना चाहते हैं तो आप अपने म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने के लिए उस ₹1,00,000 को किसी एक तरह के म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश ना करके अलग–अलग तरह के म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करेंगे।
इससे आपका पोर्टफोलियो भी डायवर्सिफाई हो जायेगा और लंबी अवधि में आप बिना ज्यादा जोखिम उठाए अच्छा मुनाफा भी कमा सकेंगे।
कैसे करें डायवर्सिफाई?
अपने म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने के लिए आपको कई अलग–अलग तरह के म्यूचुअल फंड में निवेश करना होगा जैसे इक्विटी म्यूचुअल फंड, डेट म्यूचुअल फंड तथा हाइब्रिड म्यूचुअल फंड। आइए जानते हैं इन सभी म्यूचुअल फंड्स के बारे में–
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इक्विटी म्यूचुअल फंड
आप अपने म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो में इक्विटी म्यूचुअल फंड को शामिल करके उसके ग्रोथ को बढ़ा सकते हैं क्योंकि इक्विटी म्यूचुअल फंड का सारा पैसा शेयर मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर में लगाए जाते हैं।
यही वजह है कि इक्विटी म्यूचुअल फंड में ग्रोथ की संभावना अधिक होती है। लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि यह सबसे ज्यादा जोखिम भरा भी होता है।
डेट म्यूचुअल फंड
डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करके आप अपने पोर्टफोलियो को स्टेबिलिटी दे सकते हैं क्योंकि डेट म्यूचुअल फंड का सारा पैसा सरकारी प्रतिभूतियों तथा बॉन्डस में लगाए जाते हैं। यही वजह है कि इसमें कम जोखिम होता है लेकिन यह भी ध्यान रहे कि इसमें रिटर्न भी कम मिलता है।
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड उन फंड्स को कहते हैं जिसमें लगा सारा पैसा एक साथ शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों के शेयर तथा सरकारी प्रतिभूतियों और बॉन्ड्स में लगाए जाते हैं।
इस फंड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको इक्विटी म्यूचुअल फंड और डेट म्यूचुअल फंड दोनों का फायदा एक जगह एक साथ ही मिल जाता है तथा आपको इक्विटी म्यूचुअल फंड और डेट म्यूचुअल फंड में अलग–अलग निवेश करने की कोई आवश्यकता नहीं रह जाती है। इससे आपको एक साथ अपने म्यूचुअल फंड में ग्रोथ के साथ ही स्टेबिलिटी का भी फायदा मिल जाता है।
तो इन आसान तरीकों का इस्तेमाल करके आप अपने लिए एक डाइवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो बना सकते हैं।
उम्मीद है म्यूचुअल फंड से जुड़ी यह महत्वपूर्ण जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी और इसके आपको काफी मदद भी मिलेगी।
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Disclaimer : यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है। यह निवेश की सलाह नहीं है। यह आर्टिकल ऊपर बताए गए शेयर में निवेश करने की सलाह नहीं देता। इस आर्टिकल से होने वाले नुकसान के लिए हम तथा एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज फर्म/ हाउस जिम्मेदार नहीं होंगे। शेयर मार्केट में निवेश बाज़ार के जोखिमों के अधीन होता है तथा किसी भी तरह का निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें।