किसी भी शेयर को खरीदने से पहले जान लें ESM Stage 1 तथा ESM Stage 2 के बारे में, नहीं तो हो सकता है नुकसान!

यह नियम SEBI और NSE द्वारा लाया गया एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क है जिसे उन शेयरों पर नज़र रखने के लिए बनाया गया है जिनमें लगातार अपर सर्किट ही लग रहा होता है या जिनमें स्टॉक मैनिपुलेशन की संभावना बन रही होती है।

what is esm stage 1 and esm stage 2

ESM Stage 1 and ESM Stage 2 : शेयर मार्केट में ऐसे भी शेयर होते हैं जिनमें लगातार अपर सर्किट ही लग रहा होता है। यह वैसे स्टॉक्स होते हैं जिनमें स्टॉक को मैनिपुलेट कर के पंप एंड डंप करने की कोशिश चल रही होती है।

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ऐसे ही स्टॉक्स में स्टॉक मैनिपुलेशन को रोकने तथा रिटेल इन्वेस्टर को नुकसान से बचाने के लिए SEBI और NSE ने इस नियम को बनाया है। इस नियम का नाम है ESM यानि Enhanced Surveillance Measure. इसके दो स्टेज होते हैं – ESM Stage 1 तथा ESM Stage 2

अगर आप इस नियम के बारे में कुछ नहीं जानते और इसे पहली बार सुन रहे हैं तो किसी भी शेयर को खरीदने से पहले आपके लिए इस नियम को जानना जरूरी है नहीं तो आपको नुकसान भी हो सकता है। आइए जानते हैं इस नए नियम के बारे में विस्तार से-

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ESM Full Form | शेयर बाजार में ईएसएम का क्या अर्थ है?

ESM का मतलब है Enhanced Surveillance Measure.

क्या है यह नियम?

इस नियम का नाम है ESM यानि Enhanced Surveillance Measure. यह SEBI तथा NSE द्वारा लाया गया एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क है जिसे 5 जून, 2023 से लागू कर दिया गया है।

इस नियम को उन शेयरों पर नज़र रखने के लिए बनाया गया है जिनमें बहुत कम समय में ही बहुत तेज़ मूवमेंट देखने को मिल रही होती है तथा जिनमें स्टॉक मैनिपुलेशन की संभावना बन रही होती है। sebi उन स्टॉक्स पर नज़र रखती है तथा उन्हें ESM में शामिल कर देती है।

यह नियम उन शेयरों पर लागू नहीं होता जो फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) की लिस्ट में शामिल हों तथा सरकारी बैंक और सरकारी कंपनियों के शेयरों पर भी यह नियम लागू नहीं होता। यह नियम सिर्फ उन कंपनियों के शेयरों पर लागू होता है जिनका मार्केट कैपिटलाइजेशन 500 करोड़ रुपए से कम होता है।

लेकिन ध्यान देने वाली बात यह भी है कि सिर्फ मार्केट कैपिटलाइजेशन का 500 करोड़ रुपए से कम होना ही इस नियम के लागू होने के लिए काफ़ी नहीं होता। इसके लिए दो और क्राइटेरिया भी होते हैं जिसके भीतर आने पर स्टॉक्स को ESM में शामिल किया जाता है। आइए जानते हैं उन दोनों क्राइटेरिया के बारे में।

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1. हाई लो प्राइस वैरिएशन

पहला क्राइटेरिया है हाई लो प्राइस वैरिएशन का। इस क्राइटेरिया के तहत अगर किसी कंपनी का शेयर 3 महीने में 75% बढ़ जाता है या 6 महीने में 100% बढ़ जाता है या 12 महीनों में 150% तक बढ़ जाता है तब उस स्टॉक को ESM में शामिल कर दिया जाएगा।

हाई लो प्राइस वैरिएशन से यह मतलब है कि अगर किसी स्टॉक का लो प्राइस तीन महीने पहले 100 रुपए था और तीन महीने बाद उसका हाई प्राइस 175 रुपए हो जाता है तो उस स्टॉक में 3 महीने में अपने लो और हाई के बीच में 75% का मूवमेंट हो जायेगा। तब उस स्टॉक को ESM में शामिल कर दिया जाएगा।

2. क्लोज टू क्लोज प्राइस वैरिएशन

दूसरा क्राइटेरिया है क्लोज टू क्लोज प्राइस वैरिएशन का। इस क्राइटेरिया के तहत अगर किसी स्टॉक का प्राइस क्लोजिंग बेसिस पर 3 महीने में 50% बढ़ जाता है या 6 महीने 75% बढ़ जाता है या 12 महीने में 100% बढ़ जाता है तब उस स्टॉक को ESM में शामिल कर दिया जाएगा।

इस क्राइटेरिया का मतलब यह है कि किसी स्टॉक का प्राइस अगर तीन महीने पहले 100 रुपए के भाव पर बंद हुआ था और तीन महीने बाद अगर उसी स्टॉक का प्राइस 150 रुपए पर बंद होता है तब उस स्टॉक को ESM में शामिल कर दिया जाएगा।

शेयर बाजार में ईएसएम स्टेज 1 क्या है? | What is ESM Stage 1 in Share market?

जब किसी स्टॉक को ईएसएम में शामिल किया जाता है तब उसे ESM स्टेज 1 में शामिल किया जाता है।

जब कोई स्टॉक ईएसएम स्टेज 1 में होता है तब उस पर दो तरह के प्रतिबंध लगा दिए जाते हैं। सबसे पहले तो उस स्टॉक के सर्किट लिमिट को घटाकर 5% कर दिया जाता है तथा दूसरा अगर आप उस स्टॉक को खरीदना चाहते हैं तो आपको उसके लिए पूरे पैसे देने होंगे यानी अगर आपको उस स्टॉक को इंट्राडे में भी खरीदना है तो भी आपको पूरे पैसे देने होंगे।

शेयर बाजार में ईएसएम स्टेज 2 क्या है? | What is ESM Stage 2 in Share market?

शेयर बाजार में ईएसएम स्टेज 2 का मतलब यह कि जब किसी स्टॉक के ईएसएम स्टेज 1 में रहे हुए 5 दिनों तक लगातार अपर सर्किट लग जाए और वह स्टॉक 15% से अधिक बढ़ जाए या वह स्टॉक ईएसएम स्टेज 1 में रहते हुए 1 ही महीने में 30% से भी अधिक बढ़ जाए। तब ऐसे स्टॉक को ईएसएम स्टेज 2 में डाल दिया जाता है।

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ESM के दो स्टेज होते हैं। ESM Stage 1 तथा ESM Stage 2

1. ESM Stage 1 (What is ESM Stage 1 in hindi)

किसी भी स्टॉक को जब ESM में शामिल किया जाता है तब वह ESM Stage 1 में शामिल होता है। कोई स्टॉक जब ESM Stage 1 में शामिल हो जाता है तब उस पर दो तरह के प्रतिबंध लगा दिए जाते हैं।

पहला, उस स्टॉक के सर्किट लिमिट को घटा कर 5% कर दिया जाता है तथा दूसरा अगर आप उस स्टॉक को खरीदना चाहते हैं तो आपको उसके लिए पूरे पैसे देने होंगे यानी अगर आपको उस स्टॉक को इंट्राडे में भी खरीदना है तब भी आपको पूरे पैसे देने होंगे। आपको किसी भी तरह का मार्जिन नहीं मिलेगा।

इन सभी प्रतिबंधों के बावजूद भी अगर उस स्टॉक के मूवमेंट में कोई कमी नहीं आती तब उस स्टॉक को ESM Stage 2 में डाल दिया जाता है।

2. ESM Stage 2 (What is ESM Stage 2 in hindi)

किसी भी स्टॉक को ESM Stage 2 में तब डाल दिया जाता है जब उस स्टॉक में ESM Stage 1 में रहते हुए 5 दिनों तक लगातार अपर सर्किट लग जाए और वह स्टॉक 15% से ज्यादा बढ़ जाए या वह स्टॉक ESM Stage 1 में रहते हुए एक महीने में ही 30% से ज्यादा बढ़ जाए। तब उस स्टॉक को ESM Stage 2 में डाल दिया जाता है।

जब किसी स्टॉक को ESM Stage 2 में डाल दिया जाता है तब उस स्टॉक पर दो तरह के प्रतिबंध लग जाते हैं।

पहला, उस स्टॉक के सर्किट लिमिट को और घटा कर 2% पर ला दिया जाता है तथा दूसरा उस स्टॉक में ट्रेडिंग एक हफ्ते में सिर्फ एक ही दिन के लिए करने दिया जाता है।

कोई स्टॉक कब तक ESM में रहता है? | ईएसएम में स्टॉक कितने समय तक रहता है?

कोई भी स्टॉक अगर ESM में चला जाता है तब वह कम से कम 90 दिनों तक उसमें रहता है और जब कोई स्टॉक ESM Stage 2 में चला जाता है तब वह उस स्टेज में कम से कम 1 महीने तक रहता है। जब कोई स्टॉक ESM Stage 2 में रहते हुए एक महीने में 8% से कम बढ़ता है तब वह स्टॉक ESM Stage 1 में चला जाता है। ऐसे ही धीरे-धीरे करके कोई भी स्टॉक ESM लिस्ट से बाहर निकलता है।

यानी अगर कोई स्टॉक ईएसएम के स्टेज 1 में चला जाता है तब वह उसमें कम से कम 3 महीने या 90 दिनों तक रहता है। वहीं, जब वह स्टॉक ईएसएम के स्टेज 2 में चला जाता है तब वह उसमें कम से कम 1 महीने तक रहता है।

मैं अपना ईएसएम स्टेज 1 स्टॉक कैसे बेचूं? | How to sell ESM Stage 1 stock?

अगर आपको अपने ईएसएम स्टेज 1 स्टॉक को बेचना है तो आप उसे आराम से बेच सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपके पास वह स्टॉक आपके डीमैट अकाउंट में होना चाहिए तथा उसमें 5% के अपर या लोअर सर्किट लगने से पहले ही आपको उसे बेच देना होगा।

मैं अपना ईएसएम स्टेज 2 स्टॉक कैसे बेचूं? | How to sell ESM Stage 1 stock?

ईएसएम स्टेज 2 में किसी स्टॉक के चले जाने के बाद उसमें 1 हफ्ते में सिर्फ 1 दिन के लिए ही ट्रेडिंग करने दिया जाता है। ऐसे में अगर आपको अपने ईएसएम स्टेज 2 स्टॉक को बेचना है तो आप उसे उसी दिन बेच सकते हैं जिस दिन उसमें ट्रेडिंग करने दिया जाए।

कैसे पहचानें कोई स्टॉक ESM लिस्ट में है या नहीं?

इसके लिए आपको BSE की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा और जिस स्टॉक में आप निवेश करना चाहते हैं उसे वहां पर सर्च करना होगा। जैसे ही वह स्टॉक आएगा उसके प्राइस के नीचे ही लिखा हुआ मिलेगा की वह ESM में है या नहीं और अगर है तो वह किस स्टेज में है।

कैसे बचें इस तरह के शेयर से?

इस तरह के शेयर से बचने के लिए आपको किसी भी तरह के पेनी स्टॉक से बचकर रहना होगा क्योंकि ज्यादातर पेनी स्टॉक्स ही ESM की लिस्ट में शामिल रहते हैं और उनमें ही स्टॉक मैनिपुलेशन का खतरा बना रहता है।

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Disclaimer : यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है। यह निवेश की सलाह नहीं है। यह आर्टिकल ऊपर बताए गए शेयर में निवेश करने की सलाह नहीं देता। इस आर्टिकल से होने वाले नुकसान के लिए हम तथा एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज फर्म/ हाउस जिम्मेदार नहीं होंगे। शेयर मार्केट में निवेश बाज़ार के जोखिमों के अधीन होता है तथा किसी भी तरह का निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें।

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