Stocks to buy : अमेरिका में इस कानून के पास होने से सीडीएमओ सेगमेंट में काम करने वाली इन भारतीय फार्मा कंपनियों को लाभ हो सकता है तथा आने वाले दिनों में उनके शेयर में भी तेज़ी देखने को मिल सकती है।
Stocks to buy : साल 2024 में अभी तक कई सेक्टर्स ऐसे हैं जिनमें तेज़ी देखने को मिली है। इन्हीं में से एक सेक्टर है फार्मा सेक्टर। फार्मा सेक्टर की इस तेज़ी में साल 2024 में अभी तक निफ़्टी फार्मा इंडेक्स करीब 37% उछल चुका है।
आपको बता दें इस साल के शुरुआत में निफ्टी फार्मा इंडेक्स करीब 17,000 के लेवल पर था जो कि आज बुधवार, 11 सितंबर को एनएसई पर 23220 के लेवल पर बंद हुआ है और इस 8 महीने से अधिक की अवधि में यह करीब 37% तक उछल चुका है।
फार्मा सेक्टर की यह चल रही तेज़ी अभी खत्म नहीं होने वाली। दरअसल, अमेरिका के संसद में एक ऐसे कानून को पारित किया गया है जिसका सीधा फायदा भारतीय फार्मा कंपनियों को हो सकता है। आइए जानते हैं इस नए कानून के बारे में और उन भारतीय फार्मा कंपनियों के बारे में जिसे इस कानून से फायदा हो सकता है।
क्या है यह कानून?
अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स यानी अमेरिका के संसद ने 9 सितंबर को एक नए कानून के ड्राफ्ट को पारित किया गया है जिसका नाम है बायोसिक्योर एक्ट। इसके बाद यह कानून अमेरिका के सीनेट में वोटिंग के लिए जाएगा।
इस कानून का मुख्य उद्देश्य अमेरिकी फार्मा कंपनियों का चीन की फार्मा कंपनियों पर निर्भरता को कम करना तथा टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर को रोकना। इस कानून के लागू होने के बाद अगर कोई अमेरिकी फार्मा कंपनी किसी भी चीनी फार्मा कंपनी के साथ काम करती है तो उसे अमेरिकी सरकार की ओर से मिलने वाले ग्रांट्स, लोन तथा कॉन्ट्रैक्ट्स बंद हो जाएंगे।
भारतीय फार्मा कंपनियों को इस तरह से होगा फायदा!
बायोसिक्योर एक्ट के लागू होने के बाद अमेरिकी तथा चीनी फार्मा कंपनियों के बीच कारोबार में गिरावट होगी और इसका सीधा फायदा उन भारतीय फार्मा कंपनियों को होगा जो सीडीएमओ यानी कॉन्ट्रैक्ट डेवलपमेंट एंड मैन्युफैक्चरिंग सेगमेंट में काम करती हैं।
सीडीएमओ का मतलब कॉन्ट्रैक्ट लेकर दूसरी फार्मा कंपनियों के लिए दवाएं बनाना। भारत की कई ऐसी फार्मा कंपनियां हैं जिन्हें कॉन्ट्रैक्ट लेकर दवाई बनाने के मामले में अच्छा अनुभव है और इस काम में उनको महारत हासिल है।
इन भारतीय कंपनियों को होगा फायदा!
बायोसिक्योर एक्ट के लागू होने के बाद सीडीएमओ सेगमेंट में काम करने वाली भारतीय फार्मा कंपनियां जैसे डिविस लैब, लॉरस लैब्स, न्यूलैंड लेबोरेटरीज, सिंजीन, सुवेन फार्मा, तथा पीरामल फार्मा को फायदा हो सकता है। इन कंपनियों के पास सीडीएमओ सेगमेंट में बढ़िया अनुभव है।
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